"ॐ तत्पुरुषाय विद्ध्महे महादेवाय धिमाही तन्नो रूद्र: प्रचोदयात!!!"

Aug 4, 2015

विल्वपत्र..

विल्वपत्र


शिवलिंग पर कई प्रकार की सामग्री फूल-पत्तियां चढ़ाई जाती हैं। 

||   विल्वपत्र सबसे महत्वपूर्ण है   ||
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● रविवार के दिन और द्वादशी तिथि पर बिल्ववृक्ष का विशेष पूजन करना चाहिए। 
इस पूजन से व्यक्ति ब्रह्महत्या जैसे महापाप से भी मुक्त हो जाता है।
● बिल्वपत्र छ: मास तक बासी नहीं माना जाता। 
अर्थात लंबे समय तक शिवलिंग पर एक बिल्वपत्र धोकर पुन: चढ़ाया जा सकता है या बर्फीले स्थानों के शिवालयों में अनुपलब्धता की स्थिति में बिल्वपत्र चूर्ण भी चढाने का विधान मिलता है।
● बिल्ववृक्ष के सात पत्ते प्रतिदिन खाकर थोड़ा पानी पीने से स्वप्न दोष की बीमारी से छुटकारा मिलता है। इसी प्रकार यह एक औषधि के रूप में भी काम आता है।
● शिवलिंग पर प्रतिदिन बिल्वपत्र चढ़ाने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। भक्त को जीवन में कभी भी पैसों की कोई समस्या नहीं रहती है।
● जिन स्थानों पर बिल्ववृक्ष हैं वह स्थान काशी तीर्थ के समान पूजनीय और पवित्र है। ऐसी जगह जाने पर अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
● बिल्वपत्र उत्तम वायुनाशक, कफ-निस्सारक व जठराग्निवर्धक है। ये कृमि व दुर्गन्ध का नाश करते हैं। 
● इनमें निहित उड़नशील तैल व इगेलिन, इगेलेनिन नामक क्षार-तत्त्व आदि औषधीय गुणों से भरपूर हैं।
● चतुर्मास में उत्पन्न होने वाले रोगों का प्रतिकार करने की क्षमता बिल्वपत्र में है।
● चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, द्वादशी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रान्ति
तिथियो में बिल्वपत्र नही तोडना चाहिए |
● सोमवार तथा प्रतिदिन दोपहर के बाद बिल्वपत्र नहीं तोडना चाहिए। 
● बिल्व का वृक्ष उत्तर-पश्चिम में हो तो यश बढ़ता है। उत्तर दक्षिण में हो तो सुख शांति बढ़ती है और मध्य में हो तो मधुर जीवन बनता है।
● घर में बिल्ववृक्ष लगाने से परिवार के सभी सदस्य कई प्रकार के पापों के प्रभाव से मुक्त हो जाते हैं। 
● इस वृक्ष के प्रभाव से सभी सदस्य यशस्वी होते हैं, समाज में मान-सम्मान मिलता है।
● बिल्ववृक्ष के नीचे शिवलिंग पूजा से सभी मनोकामना पूरी होती है।
● बिल्व की जड़ का जल सिर पर लगाने से सभी तीर्थों की यात्रा का पुण्य मिल जाता है।
● मधुमेह रोग में 5 बिल्वपत्र और 5 कालीमिर्च का नित्य प्रातः सेवन करने से अधिक लाभ होता है। ये रामबाण इलाज है।
● गंध, फूल, धतूरे से जो बिल्ववृक्ष के जड़ की पूजा करता है, उसे संतान और सभी सुख मिल जाते हैं।
● बिल्ववृक्ष की भी बिल्वपत्रों से पूजा करने पर सभी पापों से मुक्ति मिल जाती हैं।
● जो बिल्व की जड़ के पास किसी शिव भक्त को घी सहित अन्न या खीर दान देता है। 
● वह कभी भी धनहीन या दरिद्र नहीं होता।क्योंकि यह श्रीवृक्ष भी पुकारा जाता है।
● बिल्ववृक्ष में  माँलक्ष्मी का भी वास होता है।


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